हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए घरेलू उपायों में पोषण से भरपूर आहार और जीवनशैली में बदलाव महत्वपूर्ण हैं। यहाँ कुछ आसान और प्रभावी घरेलू उपाय दिए गए हैं:
1. आयरन युक्त भोजन का सेवन
हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, मेथी, सरसों के साग
ड्राई फ्रूट्स: खजूर, किशमिश, अंजीर
अनाज और दालें: चना, मसूर दाल, राजमा
गुड़ और चना: गुड़ आयरन का अच्छा स्रोत है और इसे चने के साथ खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता है।
2. विटामिन C का सेवन बढ़ाएं
विटामिन C आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
स्रोत: संतरा, आंवला, नींबू, टमाटर, अमरूद।
3. बीट रूट और गाजर का रस
रोज़ाना गाजर और चुकंदर का रस पीने से रक्त बढ़ता है और हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर होता है।
4. अनार का सेवन
अनार में आयरन, विटामिन C और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं।
5. तिल के बीज (सेसमे सीड्स)
विशेष रूप से काले तिल के बीज का सेवन करें। इन्हें भिगोकर या पीसकर शहद के साथ खाएं।
6. प्रोटीन युक्त आहार ले
अंडे, दूध, दही, पनीर जैसे प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
7. आंवला और शहद
आंवला और शहद का मिश्रण रोज सुबह खाली पेट खाने से लाभ होता है।
8. पानी में भिगोए हुए ड्राई फ्रूट्स
रातभर भिगोकर रखे गए बादाम, अंजीर और किशमिश का सुबह सेवन करें।
9. चाय और कॉफी का सेवन कम करें
चाय और कॉफी में मौजूद टैनिन आयरन के अवशोषण को कम कर सकते हैं।
10. खूब पानी पिएं
शरीर को हाइड्रेट रखना रक्त संचार को सुचारु बनाए रखता है।
इन उपायों को अपनाने के साथ-साथ नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाना भी ज़रूरी है ताकि हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित रखा जा सके।
हीमोग्लोबीन घटने के कारण:
हीमोग्लोबिन घटने के कारण (एनीमिया) कई हो सकते हैं। इनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1.आहार में आयरन की कमी
. आयरन (लौह तत्व) की कमी से शरीर पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं कर पाता।
. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, मछली, और गुड़ का सेवन न करने से आयरन की कमी और
. विटामिन बी12 और फॉलिक एसिड की कमी होती है। जिसे हीमोग्लोबीन की कमी होती है
. विटामिन बी12 और फॉलिक एसिड की कमी से रक्त कोशिकाओं का निर्माण सही तरीके से नहीं हो पाता।
2.खून की कमी
. किसी चोट, सर्जरी, माहवारी, या अन्य कारणों से अत्यधिक खून बहना।
. आंतरिक रक्तस्राव (गैस्ट्रिक अल्सर या कैंसर)।
आनुवांशिक कारण भी है।
. सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया जैसे अनुवांशिक विकार।
. बोन मैरो (अस्थि मज्जा) की समस्याएं
बोन मैरो में पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स न बनना।
3.दवाइयों और बीमारियों का प्रभाव
. कैंसर, किडनी रोग, डायबिटीज या अन्य क्रॉनिक बीमारियां।
. कुछ दवाइयां, जैसे कीमोथेरेपी।
. संक्रमण और परजीवी
. मलेरिया, टाइभएड ,हुकवर्म आदि संक्रमण।
4.गर्भावस्था
गर्भावस्था में आयरन और फॉलिक एसिड की अधिक आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति न होने पर हीमोग्लोबिन घट सकता है।
उपचार
. आयरन, फॉलिक एसिड और विटामिन बी12 युक्त आहार का सेवन।
. डॉक्टर से परामर्श लेकर आयरन सप्लीमेंट्स या दवाइयों का उपयोग। करे
. गंभीर स्थिति में ब्लड ट्रांसफ्यूजन।
समस्या के मूल कारण का इलाज
हीमोग्लोबीन की घटने का नुकसान:
हीमोग्लोबिन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाला एक प्रमुख प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में पाया जाता है। हीमोग्लोबिन की कमी को एनीमिया (रक्ताल्पता) कहा जाता है। इसकी कमी से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी के नुकसान:
थकान और कमजोरी:
. हीमोग्लोबिन की कमी से मांसपेशियों और अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है।
सांस लेने में दिक्कत:
ऑक्सीजन की कमी के कारण हल्का शारीरिक श्रम करने पर भी सांस फूलने लगती है।
त्वचा का पीला या फीका पड़ना:
लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने से त्वचा का रंग पीला या बेजान दिखने लगता है।
चक्कर आना और सिरदर्द:
मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन न पहुँचने के कारण चक्कर आ सकते हैं और सिरदर्द हो सकता है।
हृदय संबंधी समस्याएं:
हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे धड़कन तेज हो सकती है और लंबे समय तक यह स्थिति हृदय रोग का कारण बन सकती है।
प्रतिरोधक क्षमता में कमी:
शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता घट जाती है, जिससे बार-बार बीमारियाँ हो सकती हैं।
बाल और नाखून कमजोर होना:
पोषण की कमी के कारण बाल झड़ने लगते हैं और नाखून भंगुर हो जाते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा:
गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी से समय पूर्व प्रसव, शिशु का कम वजन, और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी से बचाव के उपाय:
. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, गुड़, चुकंदर, अनार, पालक, सेब आदि का सेवन करें।
. फॉलिक एसिड और विटामिन बी12: यह नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करते हैं।
. विटामिन सी: आयरन के अवशोषण में मदद करता है, जैसे संतरा, नींबू, और आंवला।
डॉक्टर से सलाह: ज़रूरत पड़ने पर आयरन सप्लीमेंट्स लें।
हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य बनाए रखना शरीर के समग्र स्वास्थ्य
के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि किसी को इसके लक्षण दिखें, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। और blood टेस्ट कराए अपने परामर्श को दिखाए।
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