किस वजह से हार्ट अटैक होता है।

 किस वजह से हार्ट अटैक होता है आए जानते है। विशेषताएं।

दिल का दौरा

हार्ट अटैक (दिल का दौरा) मुख्य रूप से तब होता है जब हृदय को रक्त और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पाती। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. धमनी में रुकावट (कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज)

कोरोनरी धमनी में प्लाक (चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ) जमा हो जाती है, जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है।

जब यह प्लाक फट जाती है, तो उसके आसपास थक्का बनता है, जिससे रक्त का प्रवाह पूरी तरह रुक सकता है।

2. हाई ब्लड प्रेशर

लगातार उच्च रक्तचाप से हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

3. हाई कोलेस्ट्रॉल

खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) की अधिकता रक्त वाहिकाओं में जमकर रुकावट पैदा कर सकती है।

4. डायबिटीज (मधुमेह)

 शुगर की लेवल बढ़ने से शारीर की उच्च रक्त शर्करा का स्तर हृदय की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।

5. धूम्रपान और शराब का सेवन

धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और शराब की सेवन से ब्लड प्रेशर भी अधिक होती है ब्लॉकिंग होने का खतरा बढ़ता है।अत्यधिक शराब हृदय के लिए हानिकारक हो सकती है।

6. मोटापा

वजन अधिक होने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और यह अन्य जोखिम कारकों को बढ़ा सकता है।

7. तनाव और चिंता

अत्यधिक तनाव , चिंता करने से हार्मोनल असंतुलन होता है, जो हृदय पर बुरा असर डालता है।

8. अनियमित जीवनशैली

शारीरिक गतिविधि की कमी, अनियमित खानपान यानी तेल, मसाला जायदा सेवन करना और जंक फूड का सेवन करना हृदय रोगों का मुख्य कारण बनता है।

9. आनुवांशिक कारण

यदि परिवार में किसी को हृदय रोग है, तो इसका जोखिम बढ़ सकता है। क्योंकि जेनेटिक होता है।

हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack):

सीने में दर्द या दबाव:

सीने के बीच या बाईं ओर भारीपन, दबाव, जलन, या दर्द महसूस होना।

यह दर्द कुछ मिनटों तक रहता है और दोबारा हो सकता है।

शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द:

दर्द या बेचैनी का फैलाव बाएं हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े, या पीठ में हो सकता है।

सांस लेने में कठिनाई:

सांस फूलना या सामान्य रूप से सांस न ले पाना।

पसीना आना:

अचानक किसी कम का किसी वर्क बिना किसी शारीरिक परिश्रम के ठंडा पसीना आना।

चक्कर आना या बेहोशी:

कमजोरी महसूस होना, अचानक चक्कर आना, या होश खो देना। हार्ट अटैक के कारण होते है।

थकान:

हल्की शारीरिक गतिविधि के बाद भी अत्यधिक थकावट महसूस करना।

पाचन समस्या या पेट दर्द:

पेट में जलन, उल्टी, या अपच जैसे लक्षण।


हार्ट अटैक से बचाव के उपाय (Prevention of Heart Attack):

संतुलित आहार लें:

फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें। जंक फूड और ज्यादा नमक-चर्बी से बचें।

नियमित व्यायाम करें:

प्रतिदिन 30 मिनट पैदल चलें, योग करें या हल्के व्यायाम करें।

धूम्रपान और शराब छोड़ें:

यह हृदय पर बुरा प्रभाव डालते हैं ये आदतें इसे दूर रहे 

तनाव कम करें:

ध्यान, प्राणायाम, और मन को शांत रखने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।

ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखें:

नियमित रूप से जांच कराएं और डॉक्टर के निर्देशानुसार दवा लें।

डायबिटीज पर नियंत्रण रखें हमेशा शुगर लेवल कंट्रोल में रखे जांच कराते रहे 15 day me शुगर लेवल सामान्य बनाए रखें।

वजन नियंत्रित रखें:

मोटापा को हमेशा कंट्रोल रखे हृदय पर दबाव बढ़ाता है, इसे नियंत्रित करें।

नींद पूरी करें:

रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लें ताकि शरीर को आराम मिलेगा और पूरी बॉडी को रिलेक्स मिलेगा  पूरी दिन 

हार्ट अटैक के दौरान क्या करें:

तुरंत डॉक्टर को बुलाएं:


एंबुलेंस बुलाएं और देरी न करें।

चबाने वाली एस्पिरिन दें:

अगर डॉक्टर ने पहले से सलाह दी है, तो एस्पिरिन की गोली चबाएं।

रोगी को आरामदायक स्थिति में बैठाएं:

शांत रहें और गहरी सांस लेने में मदद करें।

CPR करें (यदि आवश्यक हो):


यदि रोगी बेहोश है और सांस नहीं ले रहा, तो CPR (Cardiopulmonary Resuscitation) शुरू करें।

समय पर चिकित्सा सहा

यता से हार्ट अटैक के दौरान जान बचाई जा सकती है।

नोट: अगर ऐसे लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।












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